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Tuesday, April 16, 2019

बब्बी की बीमारी


बड़ी अजब सी बीमारी होती है अलग अलग लोगो को।
निसंकोच भाव से कहे, तो सबसे अजब बीमारी होती है धोने की। ऐसा होता है, कुछ लोग सिर्फ अपना हाथ धोते रहते है, कुछ लोग चेहरा, गार्डन इत्यादि। हलकी ज़्यादातर लोग वोह धोते है, जो न बता सकते है, न ही दिखा सकते है।
जहा तक बब्बी की बात करे, उसे भी कुछ ऐसे बीमारी थी। घर वाले जब भी उसकी और देखते, वोह गुसलखाने मे, एक नलके के नीचे अपने पाँव धोती रहती थी। एक समय था जब घर वाले पूछ-पूछकर पागल हो चुके थे। अब तो दो-चार गालियां बड़-बड़ाकर अपने रास्ता नापते है। बब्बी का क्या, वोह लगी रहती है, अपने पाँव रगड़ने।
लेकिन वोह तब की बात थी। अब, बब्बी एक बड़ी औरत है। अच्छी नौकरी, लंबी बरस की शादी और दो स्वस्थ बच्चे। लगभग सब कुछ बादल चुका, सिवाए एक चीज़ के।
वोह बीमारी, जो अब एक आदत बन चुकी है।
देर रन को जब घर आती है। बच्चे सो चुके होंगे, और अब उसके आदमी मे भी उतनी ऊर्जा नहीं रही। जब कोई और नहीं होता- ना बच्चो का दुलार, या पति का प्यार, तब एक ही चीज़ उसे सुकून दिला पाती है।
गुसलखाने के नलके की वह धार, जिसके नीचे पूरी रात अपने पाँव साफ़ करती रहती है।

In Silence


Nirvana’s father calls for him with his strong, manly voice. Nirvana comes out of his room to notice his father sitting cross-legged on the veranda floor. On one side was a bag filled with clumps of earth, on the other side he had a sieve. Father instructed his son to bring a polythene bag from inside.

Nirvana did just that, but as handed the bag to his father, father threw it back on his son’s face. How about the one that doesn’t have huge fucking hole through it, huh? Father yells. Nirvana ran back inside, well aware of the pitiful curses father must be muttering behind his son’s back.

Nirvana came outside with a hole-less bag, with even less vigour than before. Father told Nirvana to spread open the poly bag, while he filters out the cleaner bits of soil through sieve.

Nirvana did just that. As the cleaner soil was falling into the pit of the poly, Nirvana realised a barking noise. His gaze went straight to notice a white dog poking his head out of the wall of the balcony of a faraway house. The dog was indeed looking towards Nirvana. Realising his father too busy with soil, Nirvana decided to engage with the dog, in silence.

स्वस्तिक


छोटे-छोटे, सूखे हुए गोबर के लेप घर की हर दीवार पर चिपकाए गए है। काफी समय से मेरे मन मे विचार था, इस गुत्थी को सुलझाने का।
फिर एक दिन, एक घमासान छिड़ गया, मेरे माता पिता के बींच मे। मेरे पिताजी के पास एक कीमती अंगूठी थी, जो गुस्से मे उन्होने तोड़ दी। उधर मेरी माँ, उम्मीदहीन होकर अपना माथा हर दीवार पर फोड़ने की कोशिश कर रही थी। बस सफलता नहीं मिल रही थी।
यह बात थोड़ी विचित्र सी लगी। फ़िलमों मे देखा, टीवी मे देखा, जैसे ही सर दीवार से टकराता है, खून के छीटे दीवार पर बकाए रेह जाते है।
फ़िर ध्यान मे आया। मेरी माँ जब भी किसी दीवार पर अपना सर मार्टी, तो बस एक बार। फ़िर किसी नयी दीवार की तलाश होती। मेरी नज़रे अचानक से चौक उठी जब मैंने देखा दीवार पर अलग अलग जागो पर स्वस्तिक के निशान मौजूद हो रहे थे।
स्वस्तिक ज्ञान का चिन्ह माना जाता है। शाद माँ इसलिए हताश है क्यूंकी उनही और ज्ञान चाहिए हो। गोबर के लेप पर सर मार्कर लेप टूट गया। साथ ही साथ, एक रहस्य का समाधान भी प्राप्त हो गया।
स्वस्तिक का सच्चा असर था, की थोड़ी देर मे मेरे माता पिता के बीच मे सुलह हो गयी।